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लखनऊ में Plantation‑2025 अभियान की शुरुआत: पौधों की Geo‑Tagging और Tree Guards की व्यवस्था

lucknow plantation 2025 geo tagging

लखनऊ, 9 जुलाई 2025 — उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज से ‘Plantation‑2025’ अभियान की भव्य शुरुआत हुई। इस अभियान के तहत नगर निगम और पर्यावरण विभाग के संयुक्त प्रयास से शहर के विभिन्न हिस्सों में हज़ारों पौधे लगाए गए। खास बात यह रही कि सभी पौधों की Geo‑Tagging की गई है और उनकी सुरक्षा के लिए Tree Guards लगाए गए हैं।

क्या है Plantation‑2025 मिशन?

‘Plantation‑2025’ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई एक हरित पहल है, जिसका उद्देश्य है कि वर्ष 2025 के अंत तक राज्यभर में करोड़ों पौधे लगाए जाएं। इस मिशन की शुरुआत लखनऊ से की गई, जहां पहले चरण में लगभग 25,000 पौधे लगाए जाने की योजना है।

Geo‑Tagging से पौधों की निगरानी

प्रौद्योगिकी के ज़माने में इस बार वृक्षारोपण को भी स्मार्ट बनाया गया है। हर लगाए गए पौधे को GPS आधारित Geo‑Tagging तकनीक से टैग किया गया है। इससे न केवल उसकी लोकेशन ट्रैक की जा सकेगी, बल्कि यह भी देखा जा सकेगा कि पौधा जीवित है या नहीं।

नगर निगम अधिकारी ने बताया:

“Geo‑Tagging से हमें यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि लगाए गए पौधों की सही देखभाल हो रही है और वह समय के साथ बड़े भी हो रहे हैं।”

Tree Guards: पौधों की सुरक्षा के लिए कवच

सार्वजनिक स्थलों पर पौधों को जानवरों या मानवीय गतिविधियों से नुकसान न पहुंचे, इसके लिए प्रत्येक पौधे को Tree Guard से घेरा गया है। ये गार्ड्स लोहे और रीसायकल सामग्री से बनाए गए हैं, जिससे पर्यावरण को अतिरिक्त लाभ मिलेगा।

स्कूलों और स्थानीय लोगों की भागीदारी

इस अभियान में 40 से अधिक स्कूलों और 200 से अधिक स्वयंसेवी संगठनों ने भाग लिया। छात्रों ने नारे लगाए और हाथों में तख्तियां लेकर ‘एक पेड़, सौ उपकार’ जैसे संदेश दिए।

भविष्य की योजना क्या है?

सरकार का लक्ष्य है कि अगले 6 महीनों में लखनऊ के सभी प्रमुख पार्कों, सरकारी संस्थानों और सड़क किनारों पर 1 लाख से अधिक पौधे लगाए जाएं। यह पूरा अभियान पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर चलाया जाएगा।

निष्कर्ष

‘Plantation‑2025’ अभियान लखनऊ की हरियाली बढ़ाने की दिशा में एक सकारात्मक और तकनीक-सक्षम कदम है। Geo‑Tagging और Tree Guards जैसी आधुनिक व्यवस्थाएं इस बात की गारंटी देती हैं कि यह सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक दीर्घकालिक पर्यावरणीय परिवर्तन की शुरुआत है।

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